Abstract: 1914 ई0 में प्रथम विष्वयुद्ध छिड़ने के साथ ही समस्त देषों के असली चेहरे सामने आने लगे। इस फहरिष्त में तुर्की का नाम सर्वोपरि था। तुर्की की महत्त्वाकांक्षा ही उसे ले डूबी। सबसे पहले तो उसने जर्मनी ने दोस्ती का हाथ बढ़ाया और दूसरी ओर मित्र राष्ट्रों के खिलाफ युद्ध की घोषणा कर दी। परिणामतः इस विष्वयुद्ध में सबसे अधिक नुकसान तुर्की को ही उठाना पड़ा क्योंकि मित्रराष्ट्रों के खिलाफ विद्रोह करने के कारण वह सबसे अलग-थलग पड़ गया और वह पराजित हो गया।